Bheemrao ambedkar ko bhaarat ratn kab mila :31 मार्च को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित हुए थे,

Bheemrao ambedkar ko bhaarat ratn kab mila :31 मार्च को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित हुए थे, देश के संविधान निर्माता कहे जाने वाले डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनभर सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ते रहे !

Bheemrao ambedkar ko bhaarat ratn kab mila :31 मार्च को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित हुए थे,
bharat ratn (credit-bbc)

भीमराव आम्बेडकर  को जानिए

जब कोई संबिधान की बात करता है तो सबसे पहके  भीमराव आम्बेडकर का नाम सामने आता है, क्योंकि भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान सभा के मसौदा समिति के अध्यक्ष थे 29th अगस्त 1947 से 24 जनवरी 1950 तक रहे !

भीमराव आम्बेडकर का जन्म

अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को अब मध्य प्रदेश मैं स्थित महु नगर सैन्य छावनी में हुआ था, डॉ भीमराव अंबेडकर हमेशा से एक ऐसा नाम रहा हैं जिनका पार्टियों ने उपयोग किया है ऐसे में भीमराव अंबेडकर के नाम को आगे लाकर आज भी चुनावी चर्चाये होती है!

भीमराव आम्बेडकर की शिक्षा

जीवन की प्रारम्भिक शिक्षा की शुरुआत सातारा नगर में राजवाड़ा चौक पर प्रतापसिंह हाईस्कूल (पहले शासकीय हाईस्कूल) में 7 नवंबर 1900 को पहली कक्षा में प्रवेश लिया, एल्फिंस्टन कॉलेज से स्नातक किया, जो कि बॉम्बे विश्वविद्यालय से संबद्ध था,आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने वाले अपने समुदाय में पहले व्यक्ति थे!

1915 में कोलंबिया में इन्होंने अपनी स्नातकोत्तर (एम॰ए॰) की परीक्षा पास की, अक्टूबर 1916 में लंदन चले गए लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर कोर्स के लिए प्रवेश लिया और साथ ही साथ लंदन स्कूल और इकोनॉमिक्स में भी प्रवेश लिया !

Bheemrao ambedkar ko bhaarat ratn kab mila :31 मार्च को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित हुए थे,
bheemrao, credit-ndtv

1922 में, उन्हें ग्रेज इन ने बैरिस्टर-एट-लॉज डिग्री प्रदान की और उन्हें ब्रिटिश बार में बैरिस्टर के रूप में प्रवेश लिया, 1923 में, उन्होंने अर्थशास्त्र में डी॰एससी॰ (डॉक्टर ऑफ साईंस) उपाधि प्राप्त की और इसके बाद बे भारत लौट आये, इसके बाद इनकी तीसरी और चौथी डॉक्टरेट्स (एलएल॰डी॰, कोलंबिया विश्वविद्यालय, 1952 और डी॰लिट॰, उस्मानिया विश्वविद्यालय, 1953) सम्मानित उपाधियाँ मिली !

संघर्ष

यह हमेशा छुआछूत के विरोध में रहे तथा अपने सारे जीवन भर यह इससे संघर्ष करते रहे इन्होंने दलित एवं पिछडो के लिए बहुत अधिक कार्य किए हैं जिससे कि उन्हें समाज में अछूत के दर्जे से हटाया जा सके,लेकिन छुआछूत एक ऐसी बीमारी बनी थी भारत को स्वतंत्र हुए लगभग 75 साल होने के बाद भी इससे निपटा नहीं जा सका है !

भीमराव अंबेडकर ने एक बहुत बड़े समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया इसी लिए यह समाज आज भी भीमराव अंबेडकर को बहुत ही ज्यादा सम्मान पूर्वक उनका नाम लेता है व उनके द्वारा किये गए कार्यो को समाज में बहुत ही सम्मान के साथ देखा जाता है!

चुनाव

जब अपने जीवन का पहला चुनाव लड़े तो उसमें इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा और यह चुनाव हार गए , जिस तरह आज के समय में भाजपा की सीट से जीत पक्की रहती है इस तरह उस समय कांग्रेस पार्टी का दबदबा पूरे देश में था, यह अपने जीवन का पहला चुनाव मुंबई में एक दूध वाले से हारे थे और इस चुनाव में भीमराव अंबेडकर चौथे स्थान पर रहे थे!

यदि इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो 31 मार्च को देश और दुनिया में अनेकों घटनाएं और हुई है जैसे-

1504 : सिखों के दूसरे गुरु अंगद देव जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था
921 : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को आज ही के दिन अंगीकार किया गया था
1870 : आप को बता दे की अमेरिका में पहली बार किसी काले नागरिक ने 31/03/1870 को वोट दिया था
31/03 1983 को कोलम्बिया में भूकंप से लगभग 5,000 लोगों की मौतहोगयी थी
31/03/1990 को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था!

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कुल मिलाकर यदि देखा जाए तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर किताबों के ज्ञाता अनेकों डिग्रियों के साथ-साथ उनके पास बहुत अधिक ज्ञान उपलब्ध था, जिस ज्ञान के कारण देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जाने जाते है 31 मार्च 1990 को इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था यह एक ऐसी व्यक्ति थे जिन्होंने दलितों के लिए जीवन समर्पित कर दिया माना जाता है कि संविधान में आरक्षण इन्हीं की वजह से डाला गया था जो की आज भी चला आ रहा है !

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