Ayodhya me ghumne wali jagah
रामायण का यह नगर तीर्थयात्रियों, पुरातत्ववेत्ताओं का हमेशा से प्रमुख केंद्र रहा है |पर्यटकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है सरयू नदी के पूर्वी तट पर बसा अयोध्या नगर रामायण व श्री रामचरित मानस अयोध्या के ऐश्वर्य का प्रतीक हैं। अयोध्या में अनेको राजाओ ने राज किया है जिसमे कुछ मुख्या है जैसे की
- राजा इक्ष्वाकु,
- राजा पृथु,
- राजा मान्धाता,
- राजा हरिश्चंद्र,
- राजा सागर,
- राजा भागीरथ,
- राजा रघु,
- राजा दिलीप
इनके बाद राजा दशरथ तथा राजा राम ने कोशल देश की राजधानी अयोध्या से राजपाठ चलाया। उनके शासन काल में राज्य का वैभव शिखर पर था तथा अयोध्या राम राज्य का प्रतीक रहा !
22 जनबरी को प्रभु श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्य हुआ है जिसके बाद से अयोध्या में भक्तो का टाटा लगा हुआ है लेकिन क्या आपको पता है की श्री राम मंदिर के अलावा अयोध्या में और क्या क्या घूमने योग्य इस्थान है यदि नहीं तो आईये जानते है !
मुख्या रूप से Ayodhya me ghumne wali jagah
मुख्या रूप से Ayodhya me ghumne wali jagah की बात करे तो अनेको स्थान भक्तो के लिए घूमने योग्य है!
- रामकोट
- कनक भवन
- हनुमान गढ़ी
- मणि पर्वत
- सरयू नदी
- नागेश्वर नाथ मंदिर
- तुलसी स्मारक भवन
रामकोट
Ayodhya me ghumne wali jagah रामकोट है यह मंदिर एक ऊंचे स्थान पर है तथा मंदिरों से परिपूर्ण है, यह अयोध्या के प्रमुख तीर्थ केन्द्रो में से एक है | हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यहाँ चैत्र माह में अर्थात मार्च-अप्रैल में राम नवमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है | इस पर्व को मानाने के लिए पूरे देश बल्कि पुरे विश्व भर से तीर्थयात्री यहाँ आते हैं तथा भगवान राम की आराधना करते हैं,तक यह गर्मियों के मौसम में सुवह 6:30 से शाम 6 बजे तक व सर्दियों के मौसम में 7:30 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है!
कनक भवन
MP टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुंवरि ने 1891 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था, Ayodhya me ghumne wali jagah जहां रामपद का एक पवित्र मंदिर है देखने को सीता माता तथा भगवान राम के साथ उनके तीनों भ्राताओं लक्ष्ण ,भरत सत्रुधन की मूर्तियां स्थापित है!
हनुमान गढ़ी
हनुमान गाढ़ी मंदिर की आकृतिक किला भवन है Ayodhya me ghumne wali jagah में हनुमान गड़ी प्रमुख है इस मंदिर में हनुमान जी की स्वर्ण मूर्ति स्थापित है माना जाता है कि हनुमान जी स्वयं अयोध्या की रक्षा करते है और करते रहेंगे, प्रतिदिन इस मंदिर में माथा टेकने हजारों श्रद्धालु आते हैं उनका मानना है कि हनुमान जी हमारे सारे कष्ट दूर करेंगे ऐसी कामना को लेकर श्रद्धालु बहुत अधिक संख्या में आते हैं!
मणि पर्वत
ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी घायल लक्ष्मण जी को लक्ष्मण शक्ति लगने के बाद उपचार हेतु संजीवनी बूटी के साथ विशाल पर्वत को उठा कर लंका ले जा रहे थे, तभी रास्ते में इस पर्वत का कुछ हिस्सा गिर गया था, इससे निर्मित पहाड़ी जो लगभग 65 फुट ऊंची है, यह पहाड़ी मणि पर्वत के नाम से जाती जाती है !
सरयू नदी
हिन्दू ग्रन्थों, वेद पुराणों तथा रामायण में प्राचीन सरयू नदी का उल्लेख मिलता है,यहाँ लाखो श्रद्धालु पूरे वर्ष भर स्नान करने आते रहते है यह बहुत ही पवित्र नदी मानी जाती ह सरयू नदी का उल्लेख रामचरित मानस में भी देखने को मिलता है !
नागेश्वर नाथ मंदिर
नागेश्वर जी अयोध्या के प्रमुख देवता माने जाते हैं | ऐसा माना जाता है कि नागेशवर नाथ जी के अति सुंदर मंदिर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था,आज भी यहाँ साल भर हजारो लाखो श्रद्धालु आते रहते है,वर्तमान भवन का निर्माड 1750 ईस्वी में हुआ था शिवरात्रि में लाखो श्रद्धालु यहाँ आते है !
तुलसी स्मारक भवन
तुलसी भवन संत गोस्वामी तुलसी दास जी को समर्पित है, यहाँ पर लगातार प्रार्थना सभाएं, तथा धार्मिक प्रवचनो का आयोजन होता रहता हैं, इस परिसर में अयोध्या शोध संस्थान भी स्थित है इस भवन में गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा रचित रचनाओं का बहुत बढ़ा संकलन है, तुलसी में प्रतिदिन 6 बजे से 9 बजे तक रामलीला का मंचन किया जाता है जो एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है!
यदि आप अयोध्या जाना चाहते है तो uptourism.gov.in/ की साइड पर बिजित करे !
ये भी देखे
ऐसी ही खबरों के लिए हमें विजिट करें newsbharatg.com पर जाकर बिजित करे नोटिफिकेशन को एलाऊ करे ताकि आप तक ताजा जानकारी सबसे पहले पहुंच सके!
धन्यवाद…..