ambedkar jayanti :बी.आर. अम्बेडकर, जिन्हें प्रचलित रूप से बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, एक वित्तीय विशेषज्ञ, आंबेडकर जी कानून निर्माता और समाज सुधारक थे, जिन्होंने दलित लोगों के समूह की समानता के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी, जिन्हें एक समय में अछूत माना जाता था !
आंबेडकर साहेब के विचारों को याद करते हुए,
अपने विचारो को सुन्दर बनाना है और
समाज में समानता की भावना को आगे बढ़ाना है!
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आजादी के 75 साल बाद भी उन्हें अभी भी कुछ हिस्सों में अछूत माना जाता हैं देश में अभी तक इस मानसिकता को लोग समाप्त नहीं कर पाए है कुछ अपने आप को श्रेष्ठ जाती मानने वाले अभी भी इसी मानसिकता में जी रहे है भारत के संविधान के एक महत्वपूर्ण प्रारूपकार, अंबेडकर ने महिलाओं के विशेषाधिकारों और कार्यों की स्वतंत्रता पर भी बहुत अधिक जोर दिया !
Ambedkar Jayanti पर BR Ambedkar का संछिप्त वर्णन
अम्बेडकर विनियमन और वित्तीय मामलों के उत्कृष्ट जानकार और धन प्रबंधक थे। उन्होंने कोलंबिया कॉलेज और लंदन स्कूल ऑफ फाइनेंशियल मामलों से वित्तीय पहलुओं में डॉक्टरेट प्रमाणपत्र हासिल किए। उन्होंने भारतीय राज्य को पुरातनपंथी मान्यताओं और विचारों से मुक्त कराने के लिए वित्तीय पहलुओं में अपनी ताकत के क्षेत्रों को शामिल किया। वह अछूतों के लिए अलग मतदान सार्वजनिक करने के विचार के ख़िलाफ़ गए और सभी के लिए समान स्वतंत्रता अधिकारों को बरकरार रखा !
BR Ambedkar Jayanti कब मनाते है
“हम सभी उनके अनेको महान कार्यों को सलाम करते हैं
और समाज सुधार के लिए उनके आदर्शों को अपनाते हैं!
Ambedkar Jayanti को बहुत ही उत्साह और प्रेम के साथ पूरे देश में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, स्वायत्त भारत के प्रमुख विनियमन और समानता मंत्री के रूप में पहचाने जाने वाले, भारत गणराज्य के संपूर्ण विचार के निर्माण के लिए डाॅ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिबद्धता जबरदस्त रही है, देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और प्रशासन का सम्मान करने के लिए पूरे देश में हमेशा से 14 अप्रैल को उनका जन्मदिन ( ambedkar jayanti )मनाया जाता है !
Ambedkar Jayanti को ऑफिस से लेकर शहरों तक शहरों से लेकर गांव तक हर जगह Ambedkar Jayanti का उत्सव मनाया जाता है माना जाता है, यह Ambedkar Jayanti अब तक की सबसे बड़ी जयंती में से एक है !
आंबेडकर जी ने पिछड़े और वंचित वर्ग के वारे में अधिक लिखने के लिए पांच पत्रिकाएँ-बहिष्कृत भारत, समता, मूकनायक, जनता और प्रबुद्ध भारत की शुरुआत की थी, भारत के पहले संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए आंबेडकर जी को नियुक्त किया गया, जिसके लिए वे बाध्य हुए और फिर भारत का संविधान अपने अस्तित्व में आया !
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डॉ. बी.आर. आंबेडकर की शैक्षिक योग्यताएँ
डॉ. बीआर अंबेडकर भारतीय इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, जिन्होंने राजनीति और विधायी (शिक्षा )मुद्दों के क्षेत्र में प्रमुख योगदान रहा है । उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित एवं महत्वपूर्ण संस्थानों से प्राप्त की, जिनमें मुंबई में एलफिंस्टन स्कूल, यूएसए में कोलंबिया कॉलेज, यूके में लंदन स्कूल ऑफ फाइनेंशियल अफेयर्स आदि शामिल हैं।
उनकी सबसे महत्वपूर्ण शिक्षाप्रद उपलब्धियों में से एक विदेशी कॉलेज से वित्तीय मामलों में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने इसके अलावा, उन्होंने कई वर्षों तक मुंबई में पब्लिक अथॉरिटी रेगुलेशन स्कूल के प्रमुख के रूप में भी काम किया, जहां आंबेडकर जी ने अपने पद का उपयोग निचले स्तर के छात्रों के अधिकारों की वकालत करने के लिए किया !
डॉ. बी.आर. का महत्वपूर्ण योगदान
1- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की प्रतिबद्धताएँ बहुत बड़ी रही हैं। उन्होंने कुछ अवसरों की व्यवस्था करके दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उल्लेखनीय अवसरों में एकरूपता जनता, मूक नायक आदि शामिल हैं।
2- 15 अगस्त 1947 को जब देश अंग्रेजी सरकार से आजाद हुआ तो कांग्रेस सरकार ने उन्हें मुख्य कानून मंत्री बनने का स्वागत किया था।
3- उन्हें 29 अगस्त 1947 को संविधान मसौदा बोर्ड के कार्यकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था।
4- उन्होंने देश के लिए एक नया संविधान बनाया,भारत में संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को नया संविधान अपनाया था।
5- नेशनल बैंक ऑफ इंडिया, जो कि सेव बैंक ऑफ इंडिया है, को स्थापित करने में उनकी प्रतिबद्धताएं बहुत बड़ी रही हैं, क्योंकि वह एक वित्तीय विशेषज्ञ थे।
6- चूंकि वह एक कुशल वित्तीय विशेषज्ञ थे, इसलिए डॉ. बी आर अंबेडकर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को समझने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
7- लोग उनसे कृषि क्षेत्र के विकास और आधुनिकता के लिए अधिक प्रेरित हुए। उन्होंने लोगों को बेहतर स्कूली शिक्षा और स्थानीय क्षेत्र की भलाई के लिए भी बहुत अधिक प्रेरित किया था।
8- उनके द्वारा दलित बौद्ध विकास को जागृत किया गया जो एक बहुत वडा कार्य था
Ambedkar Jayanti मनाने का कारण
Ambedkar Jayanti मानाने के अनेको कारन है भारतीय गरीबों एवं पिछडो के प्रति उनकी महान प्रतिबद्धता को याद करने और सम्मान करने के लिए बी आर अंबेडकर की जयंती को सम्मान से साथ मनाते है। वह भारतीय संविधान के मुख्य व्यक्ति थे 1923 में, प्रशिक्षण की आवश्यकता को फैलाने और कम वेतन वाले समूह की मौद्रिक स्थिति को वाढवा देने के लिए उनके द्वारा बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की गई थी!
Ambedkar Jayanti मानाने के कुछ कारन ये भी है , एक सामाजिक आंदोलन को चलाया गया ताकि जाति वाद को जड़ से ख़त्म किया जा सके, उन्होंने अनेको आंदोलन चलाये जैसे मंदिर प्रवेश आंदोलन, पुजारी-विरोधी आंदोलन, जाति-विरोधी आंदोलन अदि अनेको सामाजिक आंदोलन चलाये जिससे की समाज को सुधारा जा सके लेकिन आज भी छुआ-छूत की स्तिथि बानी हुयी है !
1930 में, सामान्य स्वतंत्रता के लिए नासिक में अभयारण्य खंड का विकास आंबेडकर के द्वारा संचालित किया गया था, आंबेडकर जी अनुसार निराश व्यक्तियों की समस्याएं पूरी तरह राजनीतिक सत्ता से नहीं सुलझतीं, निराश व्यक्तियों को जनता में समान विशेषाधिकार दिये जाने चाहिए, 1942 में, वह विक्टोरिया के लीडर चैंबर के सदस्य थे,
अपने कार्यकाल के समय , उन्होंने निम्न-वर्ग के व्यक्तियों के विशेषाधिकारों की रक्षा के लिए बहुत अधिक संघर्ष किया, वह जीवन भर एक समाज सुधारक और अर्थशास्त्री विशेषज्ञ के रूप में कार्य करते रहे इन्ही कारणों की वजह से Ambedkar Jayanti मनाई जाती है !
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