बच्चो का हर दुःख जो खुद सहये है, भगवन की उस प्रतिमा को पिता कहते है ,, 

पिता जी मुझे भूल न जाना, मेरी गलतियों को दिल पर न लाना ,, भूल हो जाती है हम नादानो से, अपने बच्चो को हमेशा गले से लगाना,, 

हजारो की भीड़ में भी पहचान लेते है, पिताजी कुछ कहे विना ही जान लेते है ,,

मंझिल दूर और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फ़िक्र बहुत है,, मार डालती ये दुनिया कब की हमें, लेकिन पिता के प्यार में असर बहुत है,,

ख़ुशी का हर लम्हा साथ होता है, जब पिता साथ होता है ,,

मैंने पिता से बड़ा भगवान न पाया, जब जरुरत हुयी पिता की अपने साथ ही पाया,,

पिता के बिना जिंदगी बीरान है, सफर तन्हा और राह सुनसान है,, वह मेरी जमी वही आश्मान है, वही खुदा वही मेरा भगवान है,,

जिंदगी में इस तरह चलना सिखाया की, जिंदगी की हर कसौटी पर आपको अपने करीब पाया,,

पिता जागीर है, पिता जमीर है , जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है!

शेयर करने के लिए तीर पर क्लिक करे