CAA (Citizenship Amendment Act)
CAA मतलब (Citizenship Amendment Act) 2019 नागरिकता संशोधन क़ानून 2019 भारत के तीन पड़ोसी देशों के बे अल्पसंख्यकों जिनने लंबे समय से भारत में शरण ली हुई है उनको भारतीय नागरिकता देने के लिए रास्ता खोलता है!
ये तीन देश पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश है इन देशो की सीमा भारत से लगी हुयी है जिसके कारन ये लोग भारत में आकर काफी समय से गैरकानूनी तरीके से रह रहे है इसी कारन ये कानून जरुरी माना जा रहा है!
CAA : लागू होने में कुछ ही दिन वांकी
CAA मार्च के पहले हफ्ते से लागू होगा. कुछ सूत्रों के मुताबिक़ अगले महीने यानि मार्च के पहले सप्ताह में नागरिकता संशोधन कानून के नियम लागू किए जा सकते हैं, सूत्रों के मुताबिक़ मार्च के पहले हफ़्ते या इसके बाद किसी भी दिन सीएए Citizenship Amendment Act के नियम लागू कर दिए जायेगे, नियम लागू होने के साथ-साथ तुरंत ही सीएए क़ानून लागू हो जाएगा, ये कानून काफी लम्बे समय से लटका हुआ है !
आवेदकों से मांगे जाने वाले दस्तावेज
इस क़ानून में चाहे वो किसी भी धर्म और मज़हब का भारतीय हो , उसकी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं हैं!
सर्कार के अधिकारियो ने बताया की इस पर काफी समय से काम चल रहा था, CAA लागू करने के लिए इसका पोर्टल तैयार कर लिया गया है,इसके सरे नियम भी तैयार कर लिए गए है और आन लाइन पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है बस आबेदको को अपना बो वर्ष बताना होगा जब उनने भारत में बिना दस्तबेजो के प्रवेश किया था, आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा!
केंद्रीय गृह मंत्री जी का वयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी का वयान ‘‘सीएए देश का कानून है और इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी. इसे चुनाव से पहले जारी किया जायेगा. इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.”
इससे पहले अमित शाह हमारे केंद्रीय गृह मंत्री जी ने भी शनिवार को कहा था कि सीएए को लागू करने के नियम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जारी कर दिए जाएंगे और लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी,इससे ये आसार लगाए जा रहे है की आचार सहिंता लागू होने से पहले CAA को लागू कर दिया जायेगा !
अमित शाह जी ने कहा, ‘‘जब विभाजन हुआ तो हिंदू, बौद्ध, ईसाई – सभी का वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आना चाहते थे. लेकिन आपको पता होना चाहिए की कांग्रेस के नेताओं ने इन लोगों को नागरिकता देने का वादा किया था और कहा था कि आप सभी का स्वागत है. लेकिन कांग्रेस के नेता अपने बयान से पीछे हट गये और कुछ भी कार्य नहीं किया!
अमित शाह जी ने कहा की दिसंबर, 2019 में संसद द्वारा सीएए पारित किये जाने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में बहुत अधिक विरोध प्रदर्शन हुए थे. चार साल से अधिक की देरी के बाद, सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाये जाने जरूरी हैं ताकि को नागरिकता प्रदान हो सके !
आपको जानकारी होनी चाहिए की सीएए को लागू करने का वादा पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था जो भी तक पूरा नहीं हो पाया है !
अब caa कानून का पूरा खाका तैयार हो चुका है, सीएए के तहत केंद्र की मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे, बस अब इस कानून को लागू करना वाकी है ,इसका इन्तजार भी कुछ हफ्तों के अंदर समाप्त हो जायेगा !
इस एक्ट को लागू करके चुनाव में इसका मुद्दा बनाया जा सकता है
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